Thursday, August 23, 2012

Databank of Teachers


Databank of Teachers

According to the Statistics of School Education (2009-10), the total number of teachers in the country from pre-primary to senior secondary is 67.23 lakh. To meet the Pupil Teacher Ratio (PTR) norms specified under the Right of Children to Free and Compulsory Education (RTE) Act, 2009, the Government has sanctioned 8.17 lakh additional teachers posts between 2010 and 2012 under Sarva Shiksha Abhiyan (SSA) 

The Government has taken several steps for preparing and providing quality teachers. The Centrally Sponsored Scheme of Teacher Education for the XII Plan envisages establishment of District Institutes of Education and Training in all districts created upto March, 2011 and of Block Institutes of Teacher Education for expanding capacity of teacher preparation. The National Council for Teacher Education (NCTE) grants recognition to institutions for starting programmes of teacher education. Several State Governments have also taken steps to expand teacher preparation capacity. In pursuance of the RTE Act, the NCTE has laid down the minimum teacher qualifications, including the requirement of passing the Teacher Eligibility Test as an essential qualification for being eligible for appointment as a teacher. Under the Sarva Shisksha Abhiyan, financial assistance is provided to the State Governments to enable the teachers of class I-VIII not possessing the minimum qualifications to acquire the same by 2015, and for training of in-service teachers for improving quality. 

This information was given by Dr. D. Purandeswari, Minister of State for Human Resource Development in a written reply to a question in the Lok Sabha today. 

MV/GK
(Release ID :86502)


Source : http://pib.nic.in/newsite/erelease.aspx?relid=86502 (Published on 22-August, 2012 )

Friday, August 17, 2012

JTET : 45 हजार शिक्षकों की नियुक्ति लटकी


JTET : 45 हजार शिक्षकों की नियुक्ति लटकी

Jharkhand Teacher Eligibility Test News :-

रांचीः शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) नहीं हो पाने के कारण झारखंड में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के लिए 45 हजार शिक्षकों की नियुक्ति नहीं पा रही है. नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा पास होना अनिवार्य है. राज्य में शिक्षा अधिकार अधिनियम वर्ष 2010 में लागू की गयी थी. अधिनियम लागू होने के दो वर्ष बाद भी शिक्षक पात्रता परीक्षा की नियमावली नहीं बनी है.

कहां फंसा है मामला : नियमावली स्थानीयता के पेच में उलझ गयी है. साल भर से शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली बनाने की प्रक्रिया चल रही है, पर अब तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है. शिक्षा विभाग ने नियमावली का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा था.
वित्त मंत्री हेमंत सोरेन यह कहते हुए प्रस्ताव वापस कर दिया कि नियमावली में स्थानीयता की प्राथमिकता को कैसे सुनिश्चत किया जायेगा, इसका उल्लेख किया जाये.

पारा शिक्षकों के पद भी खाली
मालूम हो कि राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में सरकारी शिक्षकों के 69 हजार व पारा शिक्षक के एक लाख 20 हजार पद स्वीकृत हैं. लगभग 45 हजार सहायक शिक्षक कार्यरत हैं. सहायक शिक्षकों के लगभग 24 हजार पद खाली हैं. पारा शिक्षकों के भी लगभग 20 हजार से अधिक पद खाली हैं. कुल मिला कर प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों के 45 हजार पद रिक्त हैं.

टीइटी पास ही बनेंगे शिक्षक
राज्य में टीइटी के लिए तैयार प्रस्ताव के अनुसार, शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थी सीधे शिक्षक बनेंगे. प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अलग से कोई परीक्षा नहीं होगी. जिलावार पैनल तैयार किया जायेगा. जिलों में उपलब्ध रिक्त सीटों के अनुरूप सफल अभ्यर्थियों का इंटरव्यू होगा. नियुक्ति के लिए जिलावार आरक्षण रोस्टर का पालन किया जायेगा.

हाइकोर्ट ने दिया था निर्देश
शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं होने के कारण गत वर्ष प्राथमिक शिक्षक के लिए चयनित 10042 शिक्षकों की नियुक्ति रद्द हो गयी थी. प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण झारखंड हाइकोर्ट ने पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को निरस्त कर दिया था. कोर्ट ने एक वर्ष के अंदर शिक्षकों की नियुक्ति का निर्देश विभाग को दिया था.

अब तक मात्र 11 हजार शिक्षकों की नियुक्ति
अलग राज्य के गठन के बाद अब तक मात्र 11 हजार प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति हो पायी है. वर्ष 2004 में लगभग 10 हजार व वर्ष 2008 में 491 प्राथमिक शिक्षक बहाल किये गये थे.

कार्मिक की राय के साथ प्रस्ताव फिर वित्त को
शिक्षा विभाग ने टीइटी नियमावली का प्रस्ताव फिर से वित्त विभाग को भेज दिया है. इस बार कार्मिक विभाग की राय प्राप्त कर प्रस्ताव भेजा गया है. वित्त विभाग की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जायेगा.
राज्य में स्थानीयता की नीति निर्धारण के लिए कमेटी गठित है. स्थानीय नीति बनने के बाद राज्य के लोगों को इसके प्रावधान के अनुरूप प्राथमिकता दी जायेगी. शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली में विभाग ने अपने स्तर से स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की व्यवस्था की है. इसके तहत आवासीय प्रमाण पत्र, क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा की व्यवस्था लागू की गयी है.
वैद्यनाथ राम, शिक्षा मंत्री

बिहार में दो बार हो चुकी है टीइटी परीक्षा
शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद सीबीएसइ ने तीन बार व बिहार में दो बार शिक्षक पात्रता परीक्षा हो चुकी है. बिहार में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति हो रही है.
(सुनील झा)


News Source : Prabhat Khabar (18.8.12)
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Everywhere there is some problem in teachers recruitment to implement RTE.
In Jharkhand , TET exam not conducted and without TET exam recruitment for teachers under RTE is not possible. Niyamavali for recruitment not finalize and it is another problem in recruitment.