Tuesday, September 23, 2014

CTET 2014 answer key to be released

CTET 2014 answer key to be released



 

 September 22, 2014 
Central Board of Secondary Education (CBSE) which conducted Central Teacher Eligibility Test (CTET) on 21st September 2014 at various centres across the country is expected to release the answer key in its official website soon.

Candidates who appeared for CTET 2014 may download the answer key soon after the release in the following official website at http://ctet.nic.in

To download the CTET 2014 answer key, candidates may follow the below steps:

Log on to the official website at http://ctet.nic.in

Find a way to answer key section.

Click the link titled as CTET 2014 answer key.

Answer key for the mentioned CTET 2014 will appear on the screen.

Candidates may take a printout of the published answer key.

CBSE earlier announced a recruitment notification for Teacher posts through online mode in the month of July/August. Eligible candidates were invited to apply for the mentioned posts and applications were accepted till 4th August 2014. CBSE has announced to upload CTET answer key 2014 in its official website within a short period.

Eligibility criteria for appearing in CTET for Classes I-V

Candidates should have Senior Secondary pass certificate with minimum 50% marks or should have 2- year Diploma in Elementary Education.

OR

Candidates should have Senior Secondary pass certificate with at least 50% marks or should have4- year Bachelor of Elementary Education (B.El.Ed).

Eligibility criteria for appearing in CTET for Classes VI-VIII

Candidates should have a graduation degree or 2-year Diploma in Elementary Education.

Candidates with minimum 50% marks in graduation or 1-year Bachelor in Education (B.Ed) may also apply.

Candidates with minimum 50% marks in Senior Secondary or 4- year Bachelor in Elementary Education (B.El.Ed) may also apply.

Based on the written exam held on 21st September 2014, answer key will be released on the official website. Candidates may check the answer key and make a rough judgement of their results. Discrepancies regarding the published answer key should be immediately notified before the stipulated date which will be announced along with the answer key. Late notification will not be accepted.

For more details candidates may visit the official website at http://ctet.nic.in


Friday, September 5, 2014

Teachers Day : PM Modi Speech to Children

टीचर्स डे: पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें
 Teachers Day : PM Modi Speech to Children 
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मोदी सर की क्लास' से पहले क्या बोले बच्चे ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीचर्स डे के मौके पर आज देशभर के स्कूली बच्चों को संबोध‍ित किया. पीएम का यह भाषण करीब 18 लाख स्कूलों में लाइव दिखाया गया. देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब शिक्षक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री ने स्‍कूली बच्‍चों को संबोधित किया.
अपने भाषण की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि बच्चों के बीच भाषण सौभाग्य की बात है. श‍िक्षक के महत्व को समझे बिना बदलाव संभव नहीं है. उन्होंने सवाल उठाया कि आख‍िर क्या वजह है कि अध‍िकतर लोग टीचर नहीं बनना चाहते?


इस अवसर पर लाखों विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि...

* स्कूलों में रोजगार परक शिक्षा के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
हमारे पास डिग्री के साथ हुनर भी होना चाहिए। बच्चों को भी स्किल डेवलपमेंट का अवसर मिलना चाहिए। स्किल डेवलपमेंट किसी भी देश और व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है। जहां भी जिस तरह का काम है, वहां के युवकों को उसी तरह का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि उन्हें अपने गांव के निकट ही काम मिल जाएगा। ऐसा होगा तो रोजगार बढ़ेंगे और देश का आर्थिक विकास भी होगा। हम ने स्किल डेवलपमेंट के लिए अलग से मंत्रालय बनाया है।

* आपकी हमसे क्या अपेक्षाएं हैं और हम आपके लिए क्या कर सकते हैं?
मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया में ऊर्जा संकट है। बच्चे बिजली बचाने का काम कर सकते हैं। क्लास खत्म होने के बाद हम ध्यान रखें कि बिजली बंद हुई है या नहीं। हम बंद करें। हम छोटी छोटी चीजें समझकर पानी और बिजली बचा सकते हैं। सब मिलकर हम थोड़ा थोड़ा करेंगे तो बूंद बूंद से सागर भर जाएगा।

* लड़कियों की शिक्षा के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
हम चाहते हैं कि बालिकाओं के लिए निकटतम स्कूल मिले और उन्हें स्तरीय शिक्षा मिले। हम इसके लिए तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सकते हैं।

* काम का दबाव कैसे नियंत्रित करते हैं?
मोदी ने कहा कि राजनीति को प्रोफेशन नहीं मानना चाहिए। इसे एक सेवा के रूप में स्वीकार करना चाहिए। सेवा का भाव तब जगता है, तब अपनापन होता है। अपनापन नहीं होता तो सेवा का भाव नहीं जग सकता। 125 करोड़ देशवासी मेरा परिवार हैं। इनके लिए काम करते हुए मुझे कभी थकान महसूस नहीं होता। मुझे और ज्यादा काम करने के लिए प्रेरणा मिलती है। अपनापन लंबे समय तक चलता है। पद तो आते जाते रहते हैं।

* मुख्‍यमंत्री रहते हुए आपने 'गुजरात पढ़ो' अभियान शुरू किया था, क्या राष्ट्रीय स्तर पर भी आपकी कोई योजना है?
इस सवाल पर मोदी ने कहा कि ऐसा कोई कार्यक्रम तो नहीं, लेकिन मैंने डिजिटल इंडिया का काम शुरू किया है। मैं चाहता लोग तकनीक और विज्ञान से जुड़ें। मैं डिजिटल इंडिया का सपना लेकर चल रहा हूं। हर भाषा में डिजिटल इंडिया का सपना पूरा होना चाहिए। व्यक्ति को पढ़ने की आदत होती चाहिए। मेरी अब किताब पढ़ने की आदत छूट गई है, अब मैं फाइलें पढ़ता हूं।

* पर्यावरण की रक्षा कैसे करें?
इस सवाल के जवाब में नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम बदल गए हैं, हमारी आदतें बदल गई हैं। हमने पूरे पर्यावरण का नुकसान किया है। हम बदल जाएं तो संतुलन तुरंत हो जाता है। मनुष्य को प्रकृति से प्रेम करना चाहिए। उससे संघर्ष नहीं करना चाहिए। हमारे शास्त्रों में तो पौधे को परमात्मा और नदी को माता कहा गया। जब से यह सब भूल गए हैं तो गंगा भी मैली हो गई है। हम पूरे ब्रह्मांड को अपना परिवार मानते हैं। हमें सिखाया जाता है कि हम सुबह उठते हैं पृथ्वी पर पांव रखते हैं तो हमें भारत के लिए उससे माफी मांगना सिखाया जाता है। हम प्रकृति के साथ जीना भूल गए हैं। हमें यह फिर से सीखना पड़ेगा।

* बच्चे देश की सेवा कैसे कर सकते हैं?
नरेन्द्र मोदी ने एक छात्रा के सवाल के जवाब में कहा कि अच्छे विद्यार्थी बनें। यह भी अपने आप में देश की सेवा ही है। बच्चे साफ सफाई का ध्यान रखें। बच्चे घर में बिजली बचाने का काम करें। यह भी बहुत बड़ी देश सेवा है। बिजली बचाकर आप पर्यावरण की रक्षा कर सकता है। देश सेवा के लिए बहुत चीजें करने की जरूरत नहीं, छोटी छोटी बातों से भी हम देश की सेवा कर सकते हैं।

* यदि आप शिक्षक होते तो आप कैसे बच्चे पसंद करते?
मोदी ने कहा कि शिक्षकों का काम होता है विद्यार्थी गुणों को समझें और विकसित करे। शिक्षक के लिए सभी बच्चे अपने होते हैं। उसे सबके साथ समान व्यवहार करना चाहिए। मैं भी यदि शिक्षक होता तो सबके साथ समान व्यवहार करता।

* हमारे इलाके में उच्च शिक्षण संस्थानों की कमी हैं। इसके लिए आप क्या प्रयास करेंगे। (छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से एक छात्रा का सवाल है)
छत्तीसगढ़ में रमणसिंहजी ने जो काम किए हैं, मुझे विश्वास है शिक्षाविदों का ध्यान इस ओर जाएगा। उन्होंने बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि यदि एक बालिका पढ़ती है तो दो परिवार पढ़ते हैं। मेरा भी इस बात पर जोर है कि बालिका शिक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया जाए। बेटियों के लिए अलग टॉयलेट नहीं होने के कारण लड़कियां जल्दी स्कूल छोड़ देती हैं। यदि इस पर पहले ध्यान दिया जाता तो स्थितियां कुछ और होतीं। मैं इस बात पर विशेष तौर पर ध्यान दे रहा हूं। लड़कियां स्कूल छोड़ें नहीं इस पर मेरा विशेष ध्यान है। शिक्षा को लेकर बालिका के मन में इस तरह का सवाल है तो यह बड़ी बात है। इस सवाल में देश को जगाने की ताकत है।

* क्या आपको स्कूल के दिनों की कुछ शरारतें याद हैं? (लेह की एक छात्रा का सवाल)
मोदी ने कहा कि कोई बालक ऐसा नहीं होता जो शरारत नहीं करता हो। मुझे इस बात की चिंता है कि बचपन बहुत जल्दी मर रहा है। बचपन में शरारतें होनी चाहिए। जीवन में विकास के लिए यह बहुत जरूरी है।

मोदी ने अपनी शरारत का उल्लेख करते हुए कहा कि हम जब छोटे थे तो शादी के समय शहनाई वादक को इमली दिखाते थे, जिससे वह बजा नहीं पाता था। वह हमें मारने के लिए दौड़ता था।

अपनी एक और शरारत का उल्लेख करते हुए कहा कि हम शादी के समारोह में जाते थे हम वहां स्वागत में खड़े महिला पुरुषों के कपड़ों में स्टेपलर लगा दिया करते थे।


* यदि आप शिक्षक होते तो आप कैसे बच्चे पसंद करते?
मोदी ने कहा कि शिक्षकों का काम होता है विद्यार्थी गुणों को समझें और विकसित करे। शिक्षक के लिए सभी बच्चे अपने होते हैं। उसे सबके साथ समान व्यवहार करना चाहिए। मैं भी यदि शिक्षक होता तो सबके साथ समान व्यवहार करता।

* जापान और भारत की शिक्षा में आप क्या अंतर महसूस करते हैं?
इस सवाल के जवाब में नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जापान में टीचिंग नहीं के बराबर है, लेकिन 100 फीसदी लर्निंग है। वहां बच्चों को काफी कुछ सीखने को मिलता है। वहां हर विद्यार्थी में गजब का अनुशासन है। वहां मां बाप स्कूल छोड़ने नहीं जाते हैं। वहां हर कदम पर पैरेंट्‍स खड़े होते हैं। इससे सभी पैरेंट्‍स सभी बच्चों को समान ट्रीटमेंट देते हैं। यह सभी बच्चों के प्रति समान व्यवहार की बात मेरे मन को छू गई है। वहां तकनीक का बहुत अधिक उपयोग हो रहा है। वहां अनुशासन और स्वच्छता बहुत ही सहज है। सम्मान हरेक के व्यवहार में नजर आता है। यह चीज संस्कारों से आती है।

* मैं भारत का प्रधानमंत्री कैसे बन सकता हूं। (पूर्वोत्तर के एक छात्र का सवाल)
इस पर नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 2024 के चुनाव की तैयारी करो। इसका मतलब यह भी है कि तब तक मुझे किसी तरह का खतरा नहीं है। भारत लोकतांत्रिक देश है। यदि आप देश की जनता का विश्वास जीत सकते हैं, तो कोई भी बालक देश का प्रधानमंत्री बन सकता है। आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं।


* लोग कहते हैं कि आप हैडमास्टर की तरह हैं, मगर आप वास्तविक जीवन में किस तरह के आदमी हैं? आप क्या हैं?
मैं खुद तय नहीं कर सकता हूं कि मैं क्या हूं। मैं ऐसा आदमी हूं कि खुद भी काम करता हूं और दूसरों से भी काम लेता हूं। मैंने अधिकारियों से भी कहा है कि वे 12 घंटे काम करेंगे तो मैं 13 घंटे काम करूंगा


* आपको हमारे जैसे छात्रों के बीच आने से क्या लाभ मिलता है?
लाभ मिलता होता मैं नहीं आता। बहुत सारे काम ऐसे होते हैं जो लाभ के लिए नहीं किए जाते हैं। लाभ के लिए जो काम होते हैं, उनमें बहुत आनंद आता है। मैं पहली बार देख रहा हूं पूरे देश का मीडिया विद्यार्थियों की चर्चा कर रहा है। मेरे लिए यही सबसे बड़ा लाभ है अन्यथा देश हमारे जैसे नेताओं के चेहरे देखकर बोर हो गया था।

* क्या आपने बालक के रूप में सोचा है कि क्या आप देश के प्रधानमंत्री बनेंगे और विश्व में प्रसिद्ध होंगे?
मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा। मैं तो कभी स्कूल में मॉनिटर का चुनाव भी नहीं लड़ा। मैं बहुत ही छोटे परिवार से आता हूं। लेकिन, मैंने बड़ों से सीखा है, पढ़ा है कि अति महत्वाकांक्षा बोझ बन जाती है। ज्यादा अच्छा हो कि आप कुछ बनने के बजाय कुछ करने की सोचना चाहिए। इससे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। करते करते कुछ बन गए तो बन गए। करने का आनंद अलग है।

* गांधीनगर से दिल्ली आने के बाद आप कैसा महसूस कर रहे हैं। क्या बदलाव आया है, आपके जीवन में?
मुझे अभी दिल्ली देखने का समय नहीं मिला है। अभी घर से ऑफिस और ऑफिस से घर जाता हूं। मैं अभी कोई बहुत बड़ा फर्क महसूस नहीं करता। मुख्‍यंमत्री से प्रधानमंत्री बनने में विषयवस्तु बदलती है, दायरा बदलता मगर शेष कुछ नहीं बदलता। उतना ही काम करना पड़ता, देर रात तक जागना पड़ता है। दिल्ली में ज्यादा सतर्क रहना पड़ता है। मुख्‍यमंत्री रहने के कारण इस दायित्व को समझने और निभाने में कोई ज्यादा दिक्कत नहीं आई। मैं इसे सरलता से कर पाया।
* बच्चों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ने की जरूरत है।
* हमारी कोशिश होनी चाहिए कि बच्चे विज्ञान और तकनीक से जुड़ें।
* जीवन में खेलकूद नहीं है तो जीवन खिलेगा नहीं।
* बच्चों को कोशिश करनी चाहिए कि दिन में चार बार पसीना निकलें, अर्थात वे शारीरिक श्रम करें।
* जीवन कंप्यूटर, किताब और टीवी में ही दबकर न रह जाए।
* महापुरुषों के जीवन चरित पढ़ने से हम इतिहास के करीब पहुंचते हैं।
* बड़े लोगों की जीवनी पढ़ने चाहिए।


* आगे बढ़ने वालों के इरादों में दम हो तो, उसे कोई भी परिस्थितियां उसे आगे बढ़ने से नहीं रोक सकतीं। ऐसा मैं सोचता हूं।
* देश के इंजीनियर, डॉक्टर और अन्य अधिकारी सप्ताह में एक दिन बच्चों को जाकर पढ़ाएं या सिखाएं।
* हर किसी की शक्ति को जोड़ने की जरूरत है।
* सभी महापुरुषों के जीवन में शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान है।
* जापान में शिक्षक और छात्र मिलका स्कूल की सफाई करते हैं। यहां भी ऐसा किया जा सकता है।

* जो पीढ़ियों के बारे में सोचते हैं वे इन्सान बोते हैं।
* जो बातें बच्चे मां बाप को नहीं बताते, वह शिक्षकों को बताते हैं।
* वैश्विक परिवेश में ऐसा माना जाता है कि सारे देश में अच्छे शिक्षकों की बहुत बड़ी मांग है।
* क्या भारत यह सपना नहीं दुनिया को नहीं दे सकता।
* शिक्षक के महत्व को समझे बिना समाज में बदलाव संभव नहीं।
* 18 लाख स्कूलों में मोदी का लाइव भाषण दिखाया जा रहा है।
* गांवों में शिक्षक सबसे आदरणीय होता है। इस स्थिति को फिर से लाने की जरूरत है।
* विद्यार्थी के लिए शिक्षक हीरो जैसा होता है। वे उनकी ही तरह करना चाहते हैं।

* हम जब तक शिक्षक की अहमियत स्वीकार नहीं करेंगे, तब तक शिक्षक के प्रति गौरव पैदा होगा न ही नई पीढ़ी के परिवर्तन में ज्यादा सफलता मिलेगी।
* हम इस बात को समझें कि हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व क्या है।
* मैं भारत के भावी सपनों के साथ बात कर रहा हूं।
* मेरे लिए सौभाग्य की घड़ी है कि मुझे देश के बच्चों से बातचीत का मौका मिला है।





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जापान का किस्सा
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मोदी ने अपने भाषण में हाल में अपनी जापान यात्रा का एक किस्सा सुनाया. उन्होंने बताया कि जापान में टीचर और स्टूडेंट मिलकर सफाई करते हैं. हिंदुस्तान में ऐसा क्यों नहीं होता? हम इसे राष्ट्रीय चरित्र कैसे बनाएं, इस पर विचार करना होगा.

मीडिया पर चुटकी
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मोदी ने अपने इस भाषण में मीडिया पर चुटकी की. उन्होंने कहा, 'जब मैं गुजरात में था तो एक बार टीवी चैनलों ने एक स्कूल में सफाई वाली खबर पर खूब बवाल किया. मैं पूछता हूं कि इसमें बुराई क्या है, अगर बच्चों में स्कूल में सफाई की.' हालांकि बाद में मोदी ने टीचर्स डे के इस कार्यक्रम के लगातार कवरेज के लिए मीडिया का आभार भी व्यक्त किया.

अनुरोध
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पीएम ने पढ़े लिखे लोगों से आग्रह किया कि वो निकट के एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए सप्ताह में एक पीरियड लें. मोदी ने श‍िक्षकों से आग्रह किया कि बच्चों को आधुनिक टेक्नोलॉजी की जानकारी दें.

कितनी बार निकलता है पसीना?
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मोदी ने मानेकशॉ ऑडिटोरियम में मौजूद बच्चों से पूछा कि कितनों को दिन में चार बार पसीना निकलता है? बच्चों को खूब मस्ती करना चाहिए, दौड़-धूप करना चाहिए कि दिन में चार बार पसीना आए. किताब, टीवी, कम्प्यूटर के दायरे में जिंदगी नहीं रहनी चाहिए.

जीवन चरित्र पढ़ने की सलाह
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मोदी ने बच्चों को सलाह दी कि उन्हें नियमित किताबों के अलावा जीवन चरित्र जरूर पढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा, 'इससे हम इतिहास के बहुत करीब जाते हैं. हर क्षेत्र के अग्रणी लोगों के जीवन चरित्र पढ़ने चाहिए.'

गूगल का जिक्र
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मोदी ने कहा, 'आज कल हर काम गूगल गुरु करता है. कोई भी सवाल मन में आता है, गूगल गुरु के पास चले जाते हैं. गूगल गुरु से जानकारी तो मिलती है, लेकिन ज्ञान नहीं.' पीएम बनने के बाद संभलकर बोलना पड़ता है

सवाल-जवाब राउंड शुरू हुआ तो एक बच्चे ने पूछा कि सीएम से पीएम बनने के बाद आपको कैसा लगा? मोदी का जवाब था, 'दिल्ली में अभी घूमा ही कहां हूं. ऑफिस से घर, घर से ऑफिस. ज्यादा बदलाव नहीं आया. इस दायित्व को संभालने में मुझे कोई ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. पीएम बनने के बाद संभलकर बोलना होता है.'

एक लड़की के सवाल पर मोदी ने कहा, 'मैं एक दिन पीएम बनूंगा, ये कभी नहीं सोचा था. सपने देखने चाहिए, लेकिन कुछ बनने के बजाय, कुछ करने के सपने देखने चाहिए. महत्वाकांक्षा जीवन में बोझ की तरह है.

इस सवाल पर कि बच्चों से बातचीत से आपको क्या लाभ होगा, मोदी ने कहा, लाभ मिलता होता तो नहीं आता. बहुत सारे काम होते हैं जो लाभ के लिए नहीं किए जाते. ऐसे काम का आनंद अलग होता. लाभ के लिए काम करने वाले मुसीबत में फंस हो जाते हैं.

'2024 तक रहूंगा पीएम'
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इम्फाल से एक बच्चे ने मोदी पूछा, 'मैं कैसे देश का पीएम बन सकता हूं.' इस पर मोदी का जवाब था, '2024 के चुनाव की तैयारी करो. इसका मतलब हुआ कि तब तक मैं पीएम रहूंगा.' मोदी के इस जवाब पर खूब ठहाके लगे.

शरारती बाल नरेंद्र के किस्से
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नरेंद्र मोदी ने अपने बचपन के दिनों में की गई शरारतों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कोई बालक शरारत न करे तो य‍ह चिंता की बात है. उन्होंने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि जब किसी शादी में शहनाई बजती थी तो मोदी और इनके कुछ साथी इमली लेकर जाते थे और शहनाई बजाने वाले के सामने इसे खाते थे. इससे शहनाई बजाने वाले के मुंह में पानी आ जाता और उसे शहनाई बजाने में दिक्कत होती थी.

एक और किस्से का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, 'हम बचपन में किसी की शादी में चले जाते थे. कोई भी दो लोग खड़े होते थे तो उनके कपड़े में स्टेपलर लगा देते थे.' मोदी के ये किस्से सुनकर बच्चों ने खूब ठहाके लगाए.

बच्चों को दी भगवत गीता
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मानेकशॉ ऑड‍िटोरियम में आयोजित समारोह में स्कूली बच्चे भी शामिल हुए. कुछ बच्चों ने डॉ. राधाकृष्णन के संस्मरण सुनाए. इन बच्चों ने पीएम के पैर छुए और मोदी ने इन्हें भगवत गीता भेंट की.

साभार-आजतक
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शिक्षक दिवस के मौके पर स्कूली बच्चों से मुखातिब हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से छात्र-छात्राओं ने तरह-तरह के सवाल पूछे। नरेंद्र मोदी से बच्चों का पहला सवाल था, आपको प्रधानमंत्री बनकर कैसा लगता है? जवाब में मोदी ने कहा, मुख्यमंत्री के रूप में मिला अनुभव काम आ रहा है। पीएम से बच्चों का दूसरा सवाल था, आपके जीवन में शिक्षकों का ज़्यादा योगदान रहा, या अनुभवों का? प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि मेरे लिए दोनों बेहद महत्वपूर्ण हैं।

नरेंद्र मोदी से बच्चों का तीसरा सवाल रहा, क्या आपने बचपन में सोचा था, प्रधानमंत्री बनेंगे, विश्वप्रसिद्ध होंगे... प्रधानमंत्री ने जवाब दिया, कभी नहीं सोचा था कि पीएम बनूंगा, मैं तो क्लास में कभी मॉनिटर भी नहीं बन पाया। हमें जीवन में कुछ बनने के नहीं, कुछ करने के सपने देखने चाहिए, क्योंकि करते-करते कुछ बन गए तो बन गए, नहीं बने तो कोई बात नहीं। कुछ करने का आनंद अपने आप में बहुत सुख देता है।

नरेंद्र मोदी से बच्चों का चौथा सवाल, हम जैसे बच्चों से बातचीत कर आपको क्या लाभ मिलता है? प्रधानमंत्री का जवाब, बहुत सारे काम होते हैं, जो लाभ के लिए नहीं किए जाते और इसका अलग आनंद होता है। मैं मीडिया वालों का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने बच्चों की इच्छाएं पूछीं।

मणिपुर के एक बच्चे ने पीएम मोदी से पूछा, मैं देश का प्रधानमंत्री कैसे बन सकता हूं? प्रधानमंत्री यह सवाल सुनकर हंस पड़े और कहा कि 2024 के चुनाव की तैयारी करो, शपथग्रहण में मुझे जरूर बुलाना...

पीएम से बच्चों का अगला सवाल था कि जापान और भारत की शिक्षा प्रणाली में क्या अंतर पाया? प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान में शिक्षण न के बराबर, लेकिन सीखना शत-प्रतिशत होता है, वहां गज़ब का अनुशासन है। बच्चों ने मोदी से आठवां सवाल किया कि आलसी, लेकिन होशियार बच्चे और मेहनती मंदबुद्धि बच्चे में आप किस पर ध्यान देंगे? प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि मैं टीचर होता, तो किसी बच्चे से भेदभाव नहीं करता। कोई भी टीचर बच्चों से भेदभाव नहीं करता।

नरेंद्र मोदी से बच्चों का नौवां सवाल था, क्या आपको अपने विद्यार्थी काल में की गई शरारतें याद हैं? प्रधानमंत्री ने कहा कि बिना शरारत के बच्चों का विकास रुक जाता है। उन्होंने कहा कि बचपन में वह खुद भी बहुत शरारती थे और दोस्तों के साथ शहनाई बजाने वालों को इमली दिखाते थे, ताकि उसके मुंह में पानी आ जाए और उसे शहनाई बजाने में दिक्कत हो। यही नहीं पीएम ने यह भी बताया कि बचपन में वह शादी में आए महिला-पुरुष मेहमानों की पोशाकें स्टेपल कर दिया करते थे।

नरेंद्र मोदी से बच्चों ने सवाल किया कि जनजातीय इलाकों में लड़कियों की शिक्षा पर वह क्या कहेंगे? प्रधानमंत्री ने कहा कि लड़कियों की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। मेरा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि लड़कियां स्कूली पढ़ाई बीच में न छोड़ें, सभी स्कूलों में शौचालय की पहल इसी प्रयास का हिस्सा है।

नरेंद्र मोदी से बच्चों का ग्यारहवां सवाल था कि हम बच्चे देश के विकास में आपकी क्या मदद कर सकते हैं? प्रधानमंत्री ने इसके जवाब में कहा कि देश की सेवा करने के लिए जान देना या राजनेता बनना ही जरूरी नहीं है, बिजली बचाकर और एक पौधा लगाकर भी देश की सेवा की जा सकती है। अगर आप लोग सफाई और अनुशासन सीखेंगे, तो यह भी देशसेवा होगी।

जलवायु परिवर्तन से जुड़े बच्चों के सवाल पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रकृति के प्रति लगाव हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है, लेकिन बदलाव आया है। प्रकृति से प्यार करो, अपनी आदतें बदलो, सब ठीक हो सकता है।

बच्चों ने पीएम से पूछा, क्या आपकी नजर में राजनीति मुश्किल पेशा है? प्रधानमंत्री ने कहा, राजनीति पेशा नहीं, सेवा है...मुझे सभी सवा सौ करोड़ भारतीय परिवार लगते हैं, इसलिए सेवा करने से थकान नहीं होती। नरेंद्र मोदी से बच्चों का चौदहवां सवाल था कि क्या वह सारे भारत को पढ़ाने का कोई कार्यक्रम लाएंगे? पीएम ने कहा कि डिजिटल इंडिया और सभी भाषाओं में आधुनिक तकनीक उपलब्ध करवाना उनका सपना है। उन्होंने बच्चों से कहा कि चाहे कॉमिक्स पढ़ें, लेकिन पढ़ने की आदत डालें, पढ़ना सर्वश्रेष्ठ आदत है।

बच्चों ने पीएम से पूछा कि बिजली बचाने में बच्चे कैसे मदद कर सकते हैं? प्रधानमंत्री ने कहा कि बिजली का संकट विश्वव्यापी है, इसलिए सबको मिलकर सो, बिजली बचानी ही होगी। बच्चे भी जिम्मेदारी लेना सीखें और जब घर से निकलें, याद से पंखा-बत्ती बंद करें। इसी तरह स्कूल से निकलते वक्त भी रोज एक बच्चा यह जिम्मेदारी ले कि वह सभी बत्तियां, पंखे बंद करके आखिर में निकलेगा।

इसके बाद बच्चों ने सवाल किया कि क्या उनकी सरकार रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देने को सोच रही है, जिस पर मोदी ने कहा कि सारी दुनिया कौशल विकास पर ध्यान दे रही है और डिग्री के साथ-साथ कोई न कोई हुनर होना बेहद जरूरी है, इसलिए स्किल डेवलपमेंट के उद्देश्य से हमारी सरकार ने अलग विभाग भी बनाया है।

अंत में प्रधानमंत्री ने सभी बच्चों से आग्रह किया कि वे हमेशा मुस्कुराते रहें, खेलते-कूदते रहें और अपने भीतर के बच्चे को हमेशा ज़िन्दा रखें।



Tuesday, August 5, 2014

TET is mandatory to become RTE Teacher - Smriti Irani

बगैर टी ई टी किये नहीं बन सकते  RTE शिक्षक  - केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी 
TET is mandatory to become RTE Teacher - Smriti Irani


Teachers who are appointed have to possess requisite qualification prescribed by the National Council for Teacher Education (NCTE) and pass the Teacher Eligibility Test (TET)





Over 600,000 primary teachers' posts lying vacant

Over 600,000 posts of teachers at primary level are lying vacant under the state sector and the national literacy mission, parliament was informed on Monday.

"The total teachers post lying vacant at the primary level both under the state sector and the Sarva Shiksha Abhiyan are 6, 06, 191," human resource development Minister Smriti Irani told the Rajya Sabha in a written reply.

"The states recruits teachers based on their recruitment rules. However, teachers who are appointed have to possess requisite qualification prescribed by the National Council for Teacher Education (NCTE) and pass the Teacher Eligibility Test (TET)," she added.
Irani said that the recruitment of teachers on contract basis therefore does not affect the quality of teaching adversely as all teachers recruited have to meet the educational qualification as well as professional qualifications.

"However, professional qualifications are sometimes relaxed under section 23 of the right of children to free and compulsory education (RTE) Act, 2009 for states where there is a shortage of professionally qualified teachers, with the provision that they acquire the same through a two year training programme in distance mode," she said.

Irani also informed that the pupil teacher ratio (PTR) has improved nationally to 1:25 and most states barring Bihar, Jharkhand and Uttar Pradesh have normative PTRs.

News : Times of India India Times (5.8.14)

Monday, August 4, 2014

Jharkhand TET झाविमो की सरकार बनी तो टेट पास अभ्यर्थी सीधे शिक्षक नियुक्त होंगे: मरांडी

Jharkhand TET झाविमो की सरकार बनी तो टेट पास अभ्यर्थी सीधे शिक्षक नियुक्त होंगे: मरांडी

Jharkhand TET, JTET, 
राज्य में शिक्षक नियुक्ति नियमावली की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे झारखंड विकास मोर्चा ने सोमवार को रांची के अरगोड़ा मैदान में एक सभा का आयोजन किया। जिसमें पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी और महासचिव प्रदीप यादव सहित कई नेता शामिल हुए। सभा को संबोधित करते हुए प्रदीप यादव ने कहा कि राज्य की वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार और पिछली अर्जुन मुंडा सरकार में कोई अंतर नही है। शिक्षकों की नियुक्ति की भेदभावपूर्ण नीति अर्जुन मुंडा सरकार ने बनाई और हेमंत सरकार उसको आगे बढ़ा रही है। वहीं, झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जिस दिन राज्य में झाविमो की सरकार बनी। सभी टेट पास अभ्यर्थियों को सीधे शिक्षक नियुक्त कर दिया जाएगा

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टेट पास अभ्यर्थियों ने की संशोधन की मांग

Saturday, August 2, 2014

CTET September 2014 Examination http://ctet.nic.in Apply Onlne Last Date: 4 August 2014 for Submission of Online Application

Sarkari Naukri Damad India. Latest Upadted Indian Govt Jobs - http://sarkari-damad.blogspot.com

CTET September 2014 Examination http://ctet.nic.in Apply Onlne Last Date: 4 August 2014 for Submission of Online Application

CTET, CTET ONLINE APPLY,
CTET 2014 : सीटीईटी का ऑनलाइन आवेदन शुरू

Central Teacher Eligibility Test Online Applicaton http://ctet.nic.in 

CTET, CTET 2014, CTET Study Material,
Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/search/label/CTET



CENTRAL BOARD OF SECONDARY EDUCATION, DELHI
CENTRAL TEACHER ELIGIBILITY TEST
Date for Submission of On-Line Application: 15.07.2014 to 04.08.2014
Last date for submission of On-line Application: 04.08.2014
Last date for submission /update of fees: 06.08.2014

Date of Examination: 21.09.2014 (Sunday)

महंगा हुआ सीटीईटी के लिए आवेदन करना
नई दिल्ली । सेंट्रल टीचर एलिजबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई। इस बार सामान्य व ओबीसी के लिए 100 से 200 रुपये और एससी-एसटी व शारीरिक रूप से अशक्त वर्ग के लिए आवेदन करना 50 से 100 रुपये तक महंगा हो गया है। देश भर में सीटीईटी की परीक्षा 21 सितंबर को आयोजित होगी। । आवेदन प्रक्रिया 4 अगस्त तक चलेगी
How To Apply : -

Monday, July 21, 2014

सी टी ई टी / टी ई टी से छूट (CTET / TET Relaxation)

सी टी ई टी / टी ई टी से छूट (CTET / TET Relaxation)
CTET, TEACHER ELIGIBILITY TEST (TET), NCTE, RTE, UPTET, HTET, JTET / Jharkhand TET, OTET / Odisha TET  ,
Rajasthan TETRTETBETET / Bihar TET,   PSTET / Punjab State Teacher Eligibility Test, West Bengal TET / WBTET, MPTET / Madhya Pradesh TET, ASSAM TET / ATET
, UTET / Uttrakhand TET , GTET / Gujarat TET , TNTET / Tamilnadu TET , APTET / Andhra Pradesh TET , CGTET / Chattisgarh TET, HPTET / Himachal Pradesh TET
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No relaxation from TET ( Teacher Eligblity Test) is Possible
सी टी ई टी / टी ई टी से छूट तो स्वयं कोर्ट भी नहीं दे सकती , क्यूंकि आर टी ई एक्ट संविधान का एक हिस्सा है ,
और केंद्र सरकार के गजट नोटिफिकेशन में प्रकाशित है ।
अब यह छूट संविधान में परिवर्तन के तहत ही मिल पाएगी
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मेरा कहना है की आर टी ई एक्ट के तहत शिक्षक बनने के लिए टी ई टी / सी टी ई टी से छूट किसी को नहीं अगर समुचित मात्रा में योग्य टी ई टी
पास शिक्षक उपलब्ध है तो ।

अभी हाल ही में नैनीताल हाई कोर्ट ने निर्णय दिया है की टी ई टी से छूट तो एन सी टी ई और उत्तरांचल राज्य सरकार भी नहीं दे सकती ,

उत्तर प्रदेश में भी दो बार ट्रिपल बेंच बैठ चुकी है जिसमें एक ट्रिपल बेंच ( तीन जजों की बेंच) खास तोर से टी ई टी में छूट देने के सन्दर्भ में बनाई गयी थी ।
जिसमें साफ़ किया गया की टी ई टी से छूट संभव नहीं
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यह न्यूज़ थोड़ा सा घुमा करके लिखी गयी है ,

सीटैट के बगैर भी बन सकेंगे शिक्षक 

केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटैट) पास किए बगैर भी आप शिक्षक बन सकते है। केंद्रीय प्रशासनिक पंचाट (कैट) ने शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए केंद्र व दिल्ली सरकार से शिक्षक नियुक्ति में सीटैट की अनिवार्यता में छूट देने का निर्देश दिया है। पंचाट ने सरकार से सीटैट की जगह अनुभव को तरजीह देने का निर्देश दिया है।

पंचाट के न्यायिक सदस्य ए.के. भारद्वाज और बिरेंद्र कुमार की पीठ ने यह आदेश सीटैट की योग्यता नहीं होने की वजह से नौकरी से निकाले गए ठेका पर कार्यरत शिक्षकों की ओर से दाखिल याचिका का निपटारा करते हुए दिया है। पीठ ने अपने फैसले में शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा-23 का हवाला देते हुए कहा है कि प्रशिक्षित शिक्षकों के अभाव में केंद्र सरकार अधिसूचना जारी कर शिक्षकों की नियुक्ति में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने की अनिवार्यता में छूट दे सकती है

पीठ ने सरकार से सभी याचिकाकर्ताओं को दोबारा नौकरी देने पर विचार करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि केंद्रीय प्रशासनिक पंचाट में केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों में नियुक्ति, प्रमोशन एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई से संबंधित विवादों का निपटारा किया जाता है

News Source / Sabhaar : 21.07.2014
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कॉन्ट्रैक्ट / ठेका कर्मियों को बगैर टेट हटाया जा रहा था और उसके बारे में केंद्र सरकार  की ट्रिब्यूनल कोर्ट ने निर्णय दिया है , अगर
प्रशिक्षित (टेट पास ) कर्मी नहीं मिलते है , तो अप्रशिक्षितों से काम चलाया जा सकता है ।
हिंदुस्तान  में बहुत सारे विभागों के अपनी कोर्ट स्वयं होती है , जिस से वह जल्द फैसले दे कर काम काज में आ रही बाधा को हटा सकें ,
ऐसे ही केंद्र सरकार ने केंद्रीय प्रसाशनिक प्राधिकरण  ( सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ) बना रखी है ।

संविधान के तहत न्याय पाने के लिए उस से ऊपर हाई कोर्ट , फिर सुप्रीम कोर्ट है

अगर मेरी बात में कहीं गलती हो, तो कमेंट' के माद्यम से गलती बताएं  व उसको सुधारें

धन्यवाद

Friday, April 11, 2014

SC seeks response of Centre, states on violation of Right to Education Act

SC seeks response of Centre, states on violation of Right to Education Act



RIGHT TO EDUCATION ACT / TEACHER ELIGIBILITY TEST INDIA / NCTE GUIDELINES


Petition asked the states and the UTs to recruit and train one lakh additional professionally trained teachers every month.
   

The PIL, filed by the National Coalition for Education — a network of organisations fighting for the RTE — said at least 1.5 lakh schools and 12 lakh trained teachers were required to fulfill the goals envisaged under the RTE.

 It sought a direction that "the states and UTs upgrade all deficient schools with appropriate physical infrastructure so as to be in compliance with the RTE Act within six months.

"The states and UTs regularise and make permanent all contract and para-teachers in the country," it said. The petition also said the states and UTs should disclose the number of students admitted under the Economically Weaker Section (EWS) quota in the state in accordance with the provisions of the Act. 






 
A bench headed by Chief Justice P Sathasivam issued notice and sought their response after summer vacation on a plea filed by an organisation, National Coalition for Education.
  
The plea said lack of resources and failure to implement provisions of the RTE Act has resulted in a significant decline in education performance.
  
Senior advocate Colin Gonsalves sought a direction to all the states to complete the required neighbourhood mapping within six months and new schools be constructed six months after completion of the process.
  
The petition asked the states and UTs to recruit and train one lakh additional professionally trained teachers to end the shortage of educators within a year.
  
It sought a direction that "the states and UTs upgrade all deficient schools with appropriate physical infrastructure so as to be in compliance with the RTE Act within six months.
  
"The states and UTs regularise and make permanent all contract and para-teachers in the country," it said.
  
The petition also said the states and UTs should disclose the number of students admitted under the Economically Weaker Section (EWS) quota in the state in accordance with the provisions of the Act.
  
"Based on the aforementioned facts, it is clear that the Right to Education is being violated across the country. These violations have persisted for years and remain today in face of the RTE Act's requirement that they be remedied within three years of it coming into force.
  
"And more troubling, they persist despite widespread awareness of their existence by various responsible governments and authorities and in the face of previous orders from this court on October 3, 2012 to remedy them," it said

RTE : शिक्षकों की कमी पर केंद्र व राज्यों को नोटिस

RTE : शिक्षकों की कमी पर केंद्र व राज्यों को नोटिस

Tags :
UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News/  RTE  / RIGHT TO EDUCATION ACT


याचिकाकर्ता ने लगाया है शिक्षा का अधिकार कानून के उल्लंघन का आरोप 

नई दिल्ली (ब्यूरो)। देशभर के स्कूलों में शिक्षकों और संसाधनों की कमी के चलते शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के उल्लंघन के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र व सभी राज्य सरकारों से जवाब तलब किया। सर्वोच्च अदालत में दायर याचिका में इस कानून पर सही तरीके से अमल कराने के लिए सरकारों को निर्देश जारी करने की मांग की गई है।
चीफ जस्टिस पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र, राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर ग्रीष्मावकाश के बाद जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका नेशनल कोलीशन फॉर एजुकेशन संगठन ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि संसाधनों की कमी और आरटीई के प्रावधानों को लागू करने में विफलता के कारण शिक्षा के क्षेत्र में काफी गिरावट आई है। पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंसाविस ने सभी राज्यों को छह महीने के भीतर दूर-दराज के इलाकों का अध्ययन करने का निर्देश जारी करने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि यह प्रक्रि या पूरी होने के बाद छह महीने के लिए नये स्कूलों का निर्माण होना चाहिए।


News Source / Sabhaar : Amar Ujala (12.04.2014)

Saturday, March 15, 2014

Downloading of OMR Sheet for CTET February 2014 Examination http://ctet.nic.in

Downloading of OMR Sheet for CTET February 2014 Examination http://ctet.nic.in 

टीईटी / CTET  / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News


To Download your CTET Answered OMR Carbon Copy, Please click on following link - http://122.180.127.140/2014/ctetomr/default.aspx



Wednesday, February 19, 2014

JTET / JHARKHAND TEACHER ELIGIBILITY TEST : झारखंड: टेट के संशोधित रिजल्ट को हरी झंडी

JTET / JHARKHAND TEACHER ELIGIBILITY TEST : झारखंड: टेट के संशोधित रिजल्ट को हरी झंडी
 
 टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
रांची: शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) के संशोधित रिजल्ट जारी करने का रास्ता साफ हो गया है. मानव संसाधन विकास विभाग ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल को इसकी अनुमति दे दी है.  केवल इग्‍नू के माध्यम से शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त करने के वाले विद्यार्थियों का ही रिजल्ट जारी किया जायेगा. ऐसे एक हजार से अधिक परीक्षार्थियों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा के आवेदन पत्र में अंक की जगह ग्रेड का उल्लेख किया था.

उल्लेखनीय है कि इग्‍नू के माध्यम से शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी के अंक पत्र में अंक की जगह ग्रेड का जिक्र होता है. टेट के आवेदन पत्र में अंक लिखने का निर्देश दिया गया था. अंक की जगह ग्रेड का जिक्र करनेवाले परीक्षार्थियों का रिजल्ट रिजेक्ट कर दिया गया था. इसके बाद परीक्षार्थी हाइकोर्ट चले गये. हाइकोर्ट ने यह कहते हुए परीक्षार्थियों का रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया कि इसमें विद्यार्थियों का कोई दोष नहीं है.

26 हजार कर रहे हैं दावा
शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल 26,608  परीक्षार्थी अलग-अलग कारणों से रिजल्ट रिजेक्ट होने का दावा कर रहे हैं. इसमें शिक्षक प्रशिक्षण प्रमाण पत्र जमा नहीं करने, अंक की जगह ग्रेड लिखने, गलत पोस्ट कोड लिखने, ओएमआर में सही रोल नंबर नहीं लिखने और गलत विषय लिखने के कारण विद्यार्थियों का रिजल्ट रिजेक्ट किया गया था.

फरवरी के अंत तक रिजल्ट
मानव संसाधन विकास विभाग की सहमति के बाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने रिजल्ट जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. रिजल्ट लगभग तैयार कर लिया गया है. सफल परीक्षार्थियों को डाक के माध्यम से प्रमाण पत्र भेजा जायेगा. उल्लेखनीय है कि राज्य में कक्षा एक से पांच में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू है.

जैक ने मानव संसाधन विकास विभाग को लिखा था पत्र
हाइकोर्ट के आदेश के बाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने मानव संसाधन विकास विभाग को पत्र लिख कर शिक्षक नियुक्ति का आवेदन पत्र जमा करने की तिथि बढ़ाने का आग्रह किया था

 Dateed- Feb 19 2014 12:00AM